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فصول الكتاب

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ومن الثاني: قوله تعالى: " صُنْعَ اللَّهِ الَّذِي أَتْقَنَ كُلَّ شَيْءٍ" (النمل ٨٨)، أي: أحكم كل شيء. (١)

فالحكيم يُظهر أثر حكمته في كل شيء، وإن كانت قد تخفى بعض الحكم، فهو العدل في الأحكام (٢)، والعدل في الأفعال (٣)، والحكيم في جميع ما يفعله (٤)، الحكيم في أمره (٥)، وتدبيره (٦)، وفعله (٧)، وخلقه (٨)، وملكه (٩)، وسلطانه (١٠)، وفي نصب الأحكام (١١)، وبعث الرسل (١٢).

قال السمعاني: " والحكيم: ذو الإصابة في الأمر (١٣)، وقال: والحكيم: المصيب في تدبير خلقه " وفيما أوجب من العقوبة (١٤).

ومن اللطائف التي ذكرها السمعاني، ما نقله عن ابن المعتز أن سُئل: إذا كان الله تعالى، واسع المغفرة، وسعت رحمته كل شيء، فما يمنعه أن يرحم الكافر؟ فقال: إن رحمته لا تغلب حكمته. (١٥)


(١) السمعاني: تفسير القرآن: ٤/ ١١٨
(٢) السمعاني: تفسير القرآن: ٥/ ١٣٤
(٣) السمعاني: تفسير القرآن: ٥/ ٤٣٠
(٤) السمعاني: تفسير القرآن: ٥/ ٨٨
(٥) السمعاني: تفسير القرآن: ٤/ ٥٠٠
(٦) السمعاني: تفسير القرآن: ٣/ ٥٧ - ٤/ ٢٢٧
(٧) السمعاني: تفسير القرآن: ٥/ ٦٣
(٨) السمعاني: تفسير القرآن: ٢/ ٢٧٧
(٩) السمعاني: تفسير القرآن: ٤/ ٣١٥
(١٠) السمعاني: تفسير القرآن: ١/ ٢٩٣
(١١) السمعاني: تفسير القرآن: ١/ ٤٠٣
(١٢) السمعاني: تفسير القرآن: ١/ ٥٠٣
(١٣) السمعاني: تفسير القرآن: ١/ ٢١٠
(١٤) السمعاني: تفسير القرآن: ٤/ ٢٧ - ٢/ ٣٦
(١٥) السمعاني: تفسير القرآن: ١/ ٣٦٠

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