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فصول الكتاب

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١ - وإن كان للكافرين نصيب قالوا ألم نستحوذ عليكم [٤: ١٤١].

٢ - وإن كان مثقال حبة من خردل أتينا بها [٢١: ٤٧].

وبقية المواضع هي: ٢: ٢٣، ٢٨٠، ٢٨٣، ٤: ١١، ١٢، ٤٢، ٩٢، ١٧٦، ٦: ٣٥، ٧: ٨٧، ١٢: ٢٧، ٣٣: ٢٩، ٦٥: ٦.

(ما) الشرطية التي شرطها جملة فعلية فعلها ماض بلفظ (كان) جاء جوابها جملة اسمية مقرونة بالفاء في قوله تعالى: {فما كان لشركائهم فلا يصل إلى الله وما كان لله فهو يصل إلى شركائهم} [٦: ١٣٦].

و (من) الشرطية جاء جوابها مضارعا مجزوما في ثلاثة مواضع كما ذكرنا. وبقية المواضع كان الجواب جملة مقرونة بالفاء إلا في موضع واحد وهو قوله تعالى: {من كان يريد العاجلة عجلنا له فيها ما نشاء} [١٧: ١٨].

ومواضع المقرون بالفاء هي: ١١: ١٥، ١٩: ٧٥، ٢٢: ١٥، ٢: ٩٧، ٩٨، ٤: ١٣٤، ٢٩: ٥، ٣٥: ١٠، ٢: ١٨٤، ١٩٦، ١٨: ١١٠، ٢: ١٨٥، ٤: ٦، ١٧: ٧٢.

الشرط إذا كان فعلا ماضيا بغير لفظ (كان) لم يأت جوابه مضارعا مجزومًا، وإنما جاء جملة مقرونة بالفاء.

جاء جملة طلبية (فعل أمر) في: ٥: ٤١، ٤٩: ٦٦، ٥٥: ٣٣، ٦٢: ٦، ٢: ١٩١، ٢٣٩، ٣: ٢٠، ٦٤، ٤: ٤، ٦، ١٥، ١٦، ٥٩، ٨٩، ٥: ٤٢، ٤٩، ٩٢، ٦: ١٤٧، ٩: ٥، ٧، ٨٣، ١٢٩، ٢٦: ٢١٦، ٤١: ١٣، ٤٩: ٩، ٦٥: ٦، ٤: ٣، ٣٥، ٤٢، ٨: ٤٠، ٦١، ٩: ٣، ٦، ١٢، ١٠، ٤١، ١٦: ١٢٦، ٢٢: ٦٨، ٢٤: ٢٨، ٤٩: ٩، ٦٠: ١١.

وجاء الجواب أو دليله جملة اسمية مقرونة بالفاء في: ١١: ٣٥، ٦٥: ٤، ٦٧: ٢٨، ٣٠، ٢: ١٩٢، ١٩٣، ١٩٦، ٢٢٦، ٢٢٩، ٢١٣، ٢٣٠، ٢٤٠، ٣: ٣٢، ٦٣، ٤: ٣، ٢٥، ٥: ١٠٧، ٨: ٣٩، ٩: ٣، ١١، ٥٨، ١٠: ١٠٦، ١٦: ٨٢، ٢٣: ١٠٧، ٢٤: ٥٤، ٢٩: ٢٧، ٤١: ٣٨، ٦٤: ١٢، ٢١، ٣٤، ٢: ١٣٧، ٢٢٧، ٢٣٣، ٢٣٧، ٢٧٩، ٣: ٢٠، ١٤: ١٢، ٨: ٧٢، ١١: ٣، ١٧: ٧، ٣٤: ٥٠، ٤١: ٤٩، ٦٦: ٤،

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