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لمعنى"باطل" (١).

وقد استعمل لتأييد معنى "جائز" مصطلحات مثل "صحيح، حلال، لا بأس به، مستقيم، ماضي، لا يُرَدّ، واقع، واسع، ثابت" (٢)؛ كما استعمل في ضد معناه مصطلحات مثل "فاسد، باطل، لا خير فيه، مردود، رَدٌّ، يَنتقض، ليس بشيء، لا ينبغي" (٣). ويكون الجائز أحياناً خلاف الأفضل (٤). وفي موضع يصف عقد البيع بأنه "فاسد يجوز" مبيناً بذلك أن العقد فاسد لكن تصحيحه ممكن (٥). وبعض العقود تكون جائزة في القضاء ولكنها مكروهة ديانة أو هي مخالفة للسنَّة" (٦)، فمثلاً الصلح عن إنكار يكون جائزاً في القضاء لكن المنكر آثم (٧). كما بين الشيباني في بعض المواضع أن هذا العقد مثلاً جائز في القضاء وفيما بين العبد وبين الله أي ديانة (٨).


(١) الأصل للشيباني، ٧/ ١٥١ و.
(٢) الأصل للشيباني، ١/ ٢٢٥ و، ٢٢٦ ظ، ٢٢٧ ظ، ٢٥٣ ظ، ٢٨٧ و، ٢٨٩ ظ، ٢٩٠ ظ، ٢٩١ و، ٢٩١ ظ، ٢٩٢ ظ، ٢٩٤ ظ، ٣١٦ ظ، ٣٢٢ ظ، ٢/ ٢٩ و، ١٧٩ و، ١٨٨ و، ١٩٤ و، ٣/ ٧٥ ظ، ١٠٦ و، ١٠٧ و، ١١٢ ظ، ٤/ ١٧٠ ظ، ١/ ٥ ظ، ٦٧ ظ، ١٣٢ و، ٢٣٠ و، ٧٠/ ٦ ظ، ٧/ ٤ ظ، ٧١ ظ، ١٠٩ ظ، ١٢٧ ظ، ١٦٧ و، ١٦٨ و، ٨/ ٥ ظ، ٤٦ و، ٦٦ و، ٧٧ ظ، ٢٠٦ و، ٢٢٨ و.
(٣) الأصل للشيباني، ١/ ٢١٢ ظ، ٢١٣ و، ٢١٣ ظ، ٢١٤ و، ٢١٥ و، ٢١٥ ظ، ٢١٦ و، ٢١٨ و، ٢٢٢ ظ، ٢٢٥ ظ، ٢٢٦ ظ، ٢٣٠ ظ، ٢٣٢ و، ٢٣٢ ظ، ٢٣٣ و، ٢٣٦ ظ، ٢٥٤ و، ٢٩١ و، ٣٠٠ ظ، ٣٠٦ و، ٣٢١ و -٣٢١ ظ، ٣٢٥ ظ، ٣٢٦ و، ٢/ ١٣ و، ٦٣ ظ، ٦٨ ظ - ٦٩ و، ٨٨ ظ، ٩٢ و، ١٠٦ ظ، ٢١٤ ظ، ٢٣٢ و، ٣١٨ و، ٥/ ١٩٧ و، ٢٣٦ و، ٦/ ٦ و، ٣٧ و، ٧/ ٦١ ظ، ٩٨ ظ، ٨/ ٧٣ ظ، ١٤٦ و، ١٦٠ و، ٢١٤ ظ؛ الآثار، ص ١٢٦؛ موطأ محمد، ٣/ ٢٨٢.
(٤) الأصل للشيباني، ٧/ ٢٤٥ ظ
(٥) الأصل للشيباني، ١/ ٢٨٧ ظ.
(٦) الأصل للشيباني، ٢/ ١٧٨ ظ، ٢٦١ و، ٣/ ٦٨ ظ، ٩٤ و، ٥/ ١٣٣ ظ.
(٧) الأصل للشيباني، ٨/ ٧ ظ، ٤٩ ظ. وانظر لأمثلة أخرى يجتمع فيها الجواز مع الكراهة أو الإساءة: الأصل للشيباني، ٢/ ١٨٠ و، ١٨٠ ظ، ٢٠٦ ظ، ٢١٦ و، ٢٢٨ و، ٣/ ٢٥ ظ، ٧/ ١٣٧ و.
(٨) الأصل للشيباني، ٥/ ٩٦ و، ١٠٢ و.

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